सांसो पर ध्यान कैसे लगाएं | मेडिटेशन कैसे करते हैं? श्वास पर ध्यान कैसे किया जाता हैं

सभी जानते हैं ध्यान करना फायदेमंद रहता हैं। लाभ प्राप्ति हेतु उचित रूप से ध्यान आवश्यक भी है। सांसों पर पूर्ण नियंत्रण, एक जगह पर ध्यान लगाएं रखना यह सभी ध्यान के आवश्यक अंग ही तो हैं… परंतु कैसे ?

ध्यान – यह शब्द सुनने में तो सरल लगता है और कदाचित सत्य भी यही हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं कहीं पढ़कर अथवा सुनकर मात्र एक ही दिन में आप ध्यान करना सीख गए

बात sanso par dhyan lagane की हो अथवा कोई मंत्र जपने की, एक विधि सभी के लिए समान रूप से उपयोगी नहीं हो सकती। आपको अपने लिए उचित ध्यान विधि ढूंढने की जरूरत है।

श्वास पर ध्यान कैसे किया जाता हैं – Sanso Par Dhyan Kaise Lagaye | Meditation Kaise Karte Hain

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श्वास हमारी चेतना का मुख्य स्रोत है। श्वास लेना और छोड़ने की क्रिया ही हममें चेतना निर्मित करता और उसे नष्ट भी करता हैं। इसे इस तरह समझे – श्वास लेने (sanso par dhyan) आने पर हम सजगता की नई ऊर्जा प्राप्त करते हैं मगर सांसों पर नियंत्रण जानें से यह सजगता भी चली जाती हैं।

अतः इस लेख में हम जानेंगे… श्वास पर ध्यान कैसे किया जाता हैं? (swans dhyan labh), सांस पर नियंत्रण कैसे करें? (मेडिटेशन टिप्स), एक जगह पर ध्यान कैसे लगाएं…

 

सांसो पर ध्यान केंद्रित करने के नियम | sanso par dhyan kaise lagaye | meditation in hindi

ध्यान करना नियमों के बाध्य नहीं, नियम केवल हमें सही मार्ग प्रशस्त करते हैं। Sanso par dhyan सही से लगाने के लिए आपको इन नियमों को अपनाने कि आवश्यक्ता होगी –

जोर जबरदस्ती ना करें

जिस भी प्रकार का आप ध्यान करने वाले हैं यह समझे, आपको अपने ध्यान के साथ जोर – जबरदस्ती बिलकुल भी नहीं करनी…

…बलपूर्वक चेतना को रोके रखना ध्यान की उचित प्रक्रिया नहीं तथापि निकट भविष्य में आपको इसके दुष्परिणामों का भी सामना करना पड़ सकता है।

सही ध्यान विधी में आप अपने ध्यान को स्थिर बनाने के लिए किसी बलऊर्जा का सहारा नहीं लेते, आप चीजों को उनके वास्तविक रूप में स्वीकारते है ना कि उन्हे बदलने का प्रयास करते हैं।

अर्थात् : बिना प्रयास ध्यान करने के लिए (श्वास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए) आती – जाती श्वासों को देखे। यदि ध्यान भटकने लगे तो रोके नहीं, विचारों को बहने दे, अपनी चेतना पुनः श्वासों पर टिकाए। देखे मन (विचार) और आप दोनों भिन्न हैं।

आरामदायक आसन चुने

आसनों की अपनी महत्वता होती है, परंतु उनका आरामदायक होना भी आवश्यक है। अन्यथा आप ना ही श्वास पर ध्यान लगा सकेंगे और ना ध्यान की गहराई में जा सकेंगे।

ध्यान के लिए मात्र सुखासन अथवा पद्मासन ही नहीं है, आप इसे खुर्सी पर बैठकर, खड़े-खड़े भी कर सकते हैं। हालांकि, शारीरिक असुविधा होने पर ध्यान तुरन्त रोक दे

सही आसन चुनते समय विशेषकर ध्यान दें, शुरुआत में आसन सधने में दिक्कते आती है किंतु यदि इसके चलते आपको किसी प्रकार की क्षति हो तो वह आसन आपके लिए बिल्कुल भी उपयुक्त नहीं।

जरूरी बात : ध्यान लगाने के लिए आपको एक आसन को पूरी तरह साध लेने की आवश्यक्ता है जिसके बाद आप दूसरे आसनों में भी अभ्यास कर सकते हैं।

ध्यान के लिए समय सीमा निर्धारित करें

इसमें कोई शक नहीं, जितना अधिक समय आप ध्यनाभ्यास करेंगे, उतना ही एकाग्र होने की क्षमता भी विकसित करेंगे। परंतु समय सीमा भी जरूरी है।

एक सामान्य मनुष्य को अपनी दिनचर्या में ध्यान करने का एक निश्चित समय बनाना चाहिए, जिसमें वे केवल ध्यनाभ्यास ही करें। यह आपको ध्यान की गहराई प्राप्त करने में सहायता करेगा

प्रातः व संध्या का समय ध्यान करने के लिए सर्वोप्युक्त माना जाता है क्योंकि इस समय वातावरण शांत रहता हैं। अतः आप बेझिझक इस समय ध्यनाभ्यास कर सकते हैं।

जरूरी बात: यदि लंबे समय तक, ध्यान के लिए समय ना मिले तो आप छोटी-छोटी अवधि लगा कर भी अपना ध्यान पूरा कर सकते हैं।

सही वातावरण का चुनाव करें

यदि आप सांसों के माध्यम से ध्यान करने वाले हैं तो आपको सही वातावरण का चुनाव करना होगा। दुर्गंध वाले वातावरण में मन किंचित भी एकाग्रता को प्राप्त नहीं कर पाएगा…

…अत्याधिक सुगंधित वातावरण भी एकाग्रता में बाधा पहुचायेगी। यदि वातावरण में अत्यधिक ठंड है ठंडी हवा से श्वास पर ध्यान लगाने में परेशानी होगी।

गर्म जलवायु में सांसो पर ध्यान लगाने में मशक्कत करनी पड़ेगी। अतः ध्यान के लिए सही वातावरण का चुनाव भी आवश्यक है।

मेडिटेशन टिप्स : घर की छत, बरामदा, अथवा खुले कमरे में ध्यानाभ्यास करना सबसे अच्छा रहेगा।

मन का भटकना स्वाभाविक है

एकाग्रता में सबसे बड़ी रुकावट आती है – मन का भटकना, जो लोग भटकते मन पर नियंत्रण पाने में नाकाम रहते उनके लिए ध्यान कभी भी सरल नहीं हो सकता।

सच तो यह है मन का भटकना प्राकृतिक है। अर्थात ध्यान में मन का भटकना, मन में विचारों का आना स्वभाविक हैं आप चाहकर भी इसे रोक नहीं सकते तथा इन्हें रोकने का प्रयास भी आपको नहीं करना चाहिए।

आप इसे झील के पानी समान समझे – जिसमें उठने वाली लहरें उन विचारों की तरह जो बार-बार आपका ध्यान भंग करती हैं। लेकिन जैसे ही पानी शांत होता है आपको उसमें अपना प्रतिबिंब साफ दिखने लगता है 

मेडिटेशन टिप्स : भटकते मन को रोके नहीं बल्कि उसे बहने दे, जिस तरह पानी की लहरें किनारे पर आकर शांत हो जाया करती है वैसे ही मन के विचार कुछ समय बाद गायब होने लगते हैं। हालांकि, स्वयं आपको विचारों के साथ बहने से बचना होगा। इसके लिए श्वास पर ध्यान लगाएं। (Sanso par dhyan lagaye)

प्रयास जरूरी है

Sanso Par Dhyan Kaise Lagaye – प्रयासो की सहायता से! जब तक आप अपनी चेतना सांसो पर केंद्रित (स्थिर) रखना नहीं सीख लेते, आपका मन बार-बार भटकता रहेगा।

गीता में श्रीकृष्ण ने मन को नियंत्रण में रखने के लिए जिन दो तलवारों की विवेचना की थी उनमें से एक प्रयासों की तलवार हैं। जिस तरह एक घुड़सवार बार-बार बेलगाम घोड़े को प्रयासों से नियंत्रण करता है उसी प्रकार प्रयासों से आप सांसो पर ध्यान स्थिर करना सीखें।

इस बात का अवश्य ध्यान रखे आपको जोर जबस्ती नहीं करनी, बलपूर्वक मन में उठने वाले विचारों को दमन उनकी ऊर्जा और शक्ती दोनों बढ़ा देता है।

मेडिटेशन टिप्स : श्वास पर ध्यान लगाने के पश्चात भी जब भी मन भटकने लगे, पुनः ध्यान श्वासों पर टिकाने का प्रयास करें

ध्यान स्थिर रखना सीखें

सांसो पर ध्यान केंद्रित करना एक अलग बात है, लेकिन उस ध्यान को स्थिर रखना बिलकुल ही अलग अर्थात आप कुछ पल के लिए अपनी सांसो पर ध्यान तो लगा लेंगे लेकिन उस ध्यान को स्थिर रखना अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।

सांसो के प्रति सजगता आपको स्वयं से साक्षात्कार कराती है। आप अपने अस्तित्व को सही से जान पाते हैं। यह जान पाते हैं कि आप आपका मन नहीं और ना की शरीर

अंततः आप ध्यान की उस उच्चतम अवस्था को भी प्राप्त कर लेते है जहां आप पूरी तरह स्वतंत्र हो जाते हैं।

मेडिटेशन टिप्स : श्वासों पर ध्यान लगाना ही आवश्यक नहीं, आपको अपने ध्यान को एकाग्र भी करना होगा। इन नियमों की सहायता से आप सही से Sanso par dhyan lagana सीख सकते हैं मगर अंत में हम आपको यहीं सलाह देंगे कि आप नियमित रूप में रोज़ाना ध्यनाभ्यास करें, तभी आप श्वासों पर ध्यान लगा सकेंगे।

Dhyanlok के कुछ शब्द

Sanso par dhyan kaise lagaye – श्वासों की सजगता पाने के लिए आपको प्रयासों की ही जरुरत है तभी आप खुद को एकाग्र रख पाएंगे। sanso par dhyan लगा पाएंगे

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Namaskar dosto! I'm the writer of this blog, I've fine knowledge on Yoga and Meditation, I like to spread positivity through my words.

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