मन को शांत कैसे करें? बुरे विचारों को आने से कैसे रोकें | हमेशा मन शांत कैसे रखें

मानव मस्तिष्क नेगेटिव अनुभवों और गलतियों को याद रखने के लिए प्रोग्रामड हुआ है। ताकि यह एक ही गलती बार बार करने से बच सकें, इसलिए अनेक विचार हमें निरंतर बार-बार याद आते रहते हैं।

   

मनोवैज्ञानिको का मानना है, दिमाग मतलब निकाले वाली मशीन की तरह है। यानी हमारे आस पास जो कुछ भी हो रहा होता है दिमाग उसका मतलब निकाले बिना रह नहीं सकता हैं। जिसे समान्य भाषा में हम सब ओवरथिंकिंग (overthinking) कहते है।

इस पूरे प्रोसेस में प्रॉब्लम ये है (man ko shant kaise rakhe) हम लोग कभी भी सजग होकर (कॉन्शियसली) नहीं सोच पाते हैं। और यहीं से ओवरथिंकिंग की शुरूआत होती हैं।

हमें लगता है विचार हमें परेशान कर रहे हैं लेकिन अगर आप ध्यान दें, तो आपको पता चलेगा आपको या हमको बहुत सारे विचार परेशान नहीं करते है बल्कि एक ही विचार अलग अलग रूप में हमें याद आ रहे होते है। kaise man ko shant rakhe

इसलिए अगर आप खुश रहना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अपने मन को शांत करना सीखना होगा। जिसके लिए इस लेख में हमने अपको अलग अलग मेटाफॉर्स, दिमाग शांत रखने के उपायों, ग्रेटिट्यूड और अफरमेशन जैसे सकारात्मक उपायों के बारे में बताया है इसलिए लेख अंत जरूर पढ़े…

 

Table of Contents

मन को शांत कैसे रखें? दिमाग शांत रखने के उपाय, मंत्र और टोटके | man ko shant kaise rakhe

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देखिए… सोचना एक बहुत ही कीमती प्रोसेस है। क्योंकि इसके द्वारा लगातार घटनाओं को हम सीख में बदल रहे होते हैं। हमारा दिमाग लगातार सीखना चाहता हैं ताकि भविष्य में वह जल्दी और बेहतर निर्णय ले सके। अगर ये प्रोसेस नहीं होगा तो हर बार हमें पुराने अनुभवों को याद करना पड़ेगा

आइए सबसे पहले जानते हैं शांत मन होने से क्या क्या फायदे हो सकते हैं…

शांत मन के फायदे | shant man ke fayde

शांत मन होने से अनगिनत लाभ मिलते हैं जिनमें से कुछ नीचे बताएं गए है –

  • दिमाग बेहतर काम करता हैं।
  • सकारात्मक विचार आते हैं।
  • तनाव वाले हार्मोन नियंत्रित रहते हैं।
  • अनचाही लत नहीं लगतीप्रसन्नता बढ़ने लगती हैं।
  • मस्तिष्क नए तंत्रिकाओं का निर्माण करता है।
  • कार्य फ्लो या कार्य क्षमता बढ़ती हैं।
  • उम्र बढ़ना कम होता हैं।
  • सम्बन्धो में निखार आने लगता हैं।
  • दिमाग के लिए एक्सरसाइज
  • बेहतर फोकस क्षमता
  • बेहतर स्वास्थ
  • एक अच्छे श्रोता और समीक्षक बनते हैं।
  • क्रिएटिविटी बढ़ती हैं।

लेकिन यहां मन का असली खेल तो आपको उलझाएं रखना होता हैं। यानी जब हम अपने ही विचारों और ऐजंपशन (assumption) के प्रति सावधान नहीं रहते हैं, मतलब विचारों के प्रति सजगता नहीं होती तो विचार फ्रीक्वेंसी में बढ़ने लगते है। इससे नेगेटिव विचार अपनी प्रधानता बना लेते हैं।

जब हम विचारों के चक्रवात में फंसे होते हैं यानी जब तक हम इन विचारों के लिए प्रतिक्रिया दे रहे होते है, विचार भी multiply होते रहते हैं।

माइंड को शांत रखने के लिए एक्सेप्टेंस (Acceptance) और कमिटमेंट (commitment) एक बेहतरीन तरीका हो सकता है इसके जरिए हम सजगतापूर्वक विचारों को मैनेज करना सीखते हैं।

एक्सेप्टेंस जिसमें छिपी है अवरनेस (awareness), यानी आपको पता है हां विचार है! जो परेशान कर रहा हैं। एक्सेप्टेंस के जरिए हम विचारों को स्वीकारते है, और उनसे दूरी स्थापित करते हैं। यानी मन के विचार और आप एक नहीं है। मेटाफोर्स आपको विचारों से दूरी स्थापित करने में मदद कर सकते हैं

मेटाफोर्स से नेगेटिव विचारों को कैसे दूर करें – mind ko shant kaise rakhe

मेटाफोर्स की मदद से हम विचारों और फिलिंग्स को नए आयाम में देखते हैं और उनसे दूरी बना लेते हैं। जब हम एक ऑब्जेक्ट की करैक्टेरिस्टिक को दूसरे ऑब्जेक्ट पर आरोपित करते हैं तो हमारे नजरिए में नया आयाम जुड़ जाता है। हम यह महसूस कर सकते हैं बिना मर्जी के हमारे किसी विचार में हमें विचलित कर देने लायक भी शक्ति नहीं होती

विचारों को कंट्रोल करना, इन्हें रोकने या खत्म करने की कोशिश करना एक रिएक्शन है जब तक हम विचारों की प्रति रिएक्ट करते हैं विचार भी multiply होते रहते हैं।

रिएक्शन को रोक कर हम विचारों को भी बढ़ने से रोक देते हैं। इसके लिए जरूरी है – एक्सेप्टेंस, यानी आपको पता है हां विचार है! जो परेशान कर रहा हैं। एक्सेप्टेंस यानी विचार परछाई की तरह है, ना अच्छे हैं, ना बुरे हैं। और इन विचारों का कोई मतलब नहीं है

दूसरा पार्ट है डिटैचमेंट यानी विचार अपने हिसाब से आते हैं और अपने हिसाब से चले जाते हैं आप इन्हें बस दूर से देख रहे होते हैं

मेटाफोर्स का उपयोग कैसे करें? | मन को शांत करने का मंत्र – Man ko shant karne ka mantra

विचार बादलों की तरह होते है – Clouds In The Sky

आप खुद खाली आकाश हैं और विचार बादल है। अगर आप पहाड़ों पर गए हो तो आपने देखा होगा बादल कोहरे के रूप में पहाड़ों से टकराते हैं बारिश करते हैं और चले जाते हैं। लेकिन आकाश को छू भी नहीं पाते हैं।

बादलों का ना तो कोई स्थाई अस्तित्व होता है ना उनमें आकाश को छूने की शक्ति होती है। जैसे मौसम के अनुसार बादल अपने आप प्रकट होते हैं वैसे ही नए नए विचार अपने आप आपकी चेतना में आते हैं और अपने हिसाब से चले भी जाते हैं।

मन के विचार नदी की बहती धाराओं की तरह हैं – thoughts are like “River Strem”

जब विचार बार-बार परेशान करने लगें तो आप इस मेटाफोर का इस्तेमाल करें – मन के विचार नदी की बहती हुई धाराएं हैं कोई भी विचार या चिंता कितना भी शक्तिशाली प्रतीत हो वह स्थाई नहीं होता।

अब क्युकी विचारों का प्रवाह लगातार चलता रहता है आप कह सकते हैं..! हमें तो एक विचार कई बार परेशान करते हैं, असल में हम उन विचार के प्रति प्रतिक्रिया देकर उसे बार-बार पैदा करते हैं

अगर आप रुक कर देखो तो सारे विचार, भावनाएं, अनुभव और कहानियां आपकी चेतना यानी अवरनेस की रोशनी में बहते जा रहे हैं। विचारों के प्रति रिएक्शन को कंट्रोल करने के लिए “रिवर स्ट्रीम” बहुत अच्छा मेटाफोर है

ट्रैवलर ऑन हाईवे – Traveller On Highway

हाईवे आपका दिमाग है उस पर चलती हुई गाड़ियां विचार हैं। आप गाड़ी से उतरकर चल रहे हैं, अच्छा मौसम है, ठंडी हवा चल रही है, कुछ गाड़ी वाले हैं जो झगड़ालू है कुछ है जो बिना मतलब हॉर्न बजाते हैं। लेकिन जब तक आप उन्हें हाथ देकर नहीं रोकते, वे आपसे बहस नहीं करते है।

आप शांति से चलते जा रहे हो और गाड़ियों को आते जाते देख रहे हो, धीरे धीरे ट्रैफिक कम होता जा रहा है।

यदि आपको बहुत बुरे बुरे विचार आते हैं तो कैसे नेगेटिव विचारों से छुटकारा पाएं?

नेगेटिव विचारों से कैसे बचें? मन को भटकने से रोकने के उपाय | man mind ko control kaise kare

स्वामी विवेकानंद जी कहते हैं यह सवाल मुझसे बहुत बार पूछा जा चुका है – जिसका जवाब सुनकर आपका भी मन हल्का हो जाएगा, क्योंकि नेगेटिव विचारों से बाहर निकलना बहुत सरल है…

नेगेटिव विचारों से कैसे बचें?

अपने मन में अच्छे विचारों के बीच बोंकर!

जब आप बुरे विचारों को रोकने का प्रयत्न करते हैं आप बुरे विचारों पर ही ध्यान केंद्रित कर रहे होते हैं जिससे उनकी संख्या और प्रभाव बड़ जाती हैं। स्वामी जी कहते हैं जब तक आपका फोकस नेगेटिव विचारों पर होगा, तब तक वे अपनी जगह से हिलेंगे भी नहीं

नेगेटिव विचारों से बचने के लिए जानबूझकर पॉजिटिव विचारों को सोचना शुरू करें और इसकी आदत बना लें। दिनभर आपके आसपास जो भी व्यक्ति या वस्तु आए मन ही मन सभी को प्रोत्साहित करते रहें।

जैसे जैसे आप अपने मन के बगीचे में अच्छे अच्छे विचार लगाते जाएंगे वैसे-वैसे दूसरे थके – कमजोर विचारों के लिए जगह नहीं बचेगी। इसलिए अगर नेगेटिव विचार आते भी हैं तो इन्हें निर्बल और निर्जीव मानकर इग्नोर कर दे। नेगेटिव विचारों को रिमाइंडर की तरह इस्तेमाल करें और उनकी जगह अच्छे विचार सोचना शुरु कर करें

ग्रेटिट्यूड से मन को शांत करें – मन को खुश कैसे रखें | gratitude se man ko shant rakhe | khush kaise rahe

अपना जीवन ग्रेटिट्यूड से भरे लम्हों में जीना हमें अपनी हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी कामयाबियों को पहचानने और उनमें खुश होने के लिए प्रेरित करता हैं। यह ना सिर्फ़ हमारे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता हैं बल्कि हमारे सम्बंध भी अच्छे होने लगते हैं।

ग्रेटिट्यूड क्या और कैसे करें? – How to practice gratitude in hindi

ग्रेटिट्यूड अभ्यास के दो महत्त्वपूर्ण भाग हैं –

  1. इसमें हम उन सभी अच्छी चीजों को अपने जीवन में स्वीकारते हैं जो हमारे साथ हुईं होती हैं।
  2. यहां हम लोगों की भूमिकाओं को अपनाते हैं जिनकी वजह से हमारे जीवन में सकाात्मकता और प्रसन्नता का संचार हो रहा होता हैं

हममें से अधिकांश लोग मन ही मन उन लोगों का शुक्रियाअदा जरूर करते हैं जिन्होंने कभी हमारी मदद की होती हैं। या उन सब चीजों के लिए शुक्रगुजार होते हैं जो हमारे साथ हुईं होती हैं

रिसर्च के मुताबिक ग्रेटिट्यूड के अनेकों लाभ मिलते हैं जैसे – नींद अच्छी आती हैं, इम्यून सिस्टम बेहतर बनता हैं, आप सकारात्मक बनने लगते हैं और जीवन अधिक आनंदमय और सुखमय बनने लगता हैं, आप कभी भी खुद को अकेला महसूस नहीं करते

मन को शांत कैसे रखें? कैसे अच्छे और सकारात्मक विचार लाएं | Man Ko Kaise Shant Rakhe

अपने आप से प्यार करना सीखें

आप जैसे भी हो – काले या गोरे, या आपको अपनी कुछ चीजें पसंद नहीं, अपनी हर कमियों को अपनाएं क्योंकी कमियां सभी में होती है। खुद की केयर करना शुरू करें, खुद से प्यार करना शुरू करें

योग और ध्यान करें – Do yoga or meditation

योग और ध्यान को आप न केवल सुबह बल्कि शाम के समय भी कर सकते हैं। यदि शाम को आप ध्यान और योग अभ्यास करते हैं तो यह आपको पूरे दिन के तामझाम (तनाव) को दूर कर देगा। इससे रात में नींद भी अच्छी आएगी। बुरे सपने नहीं आएंगे और सबसे बेहतर आपका मन शांत रहेगा।

सुबह जल्दी उठे – wake up early morning

सुबह जल्दी उठने से हमको अपने पूरे दिन को प्लान करने का निश्चित समय मिल जाता है। केवल यह कार्य करना हमें पूरे दिन होने वाले तामझाम से भी बचाता हैं और बहुत सी मेंटल एनर्जी सेव करता हैं। जिससे हमारा मन शांत रहता है उल्टे पुल्टे विचार नहीं आएंगे, आप सुबह के शांत वातावरण का आनंद भी ले पाते हैं। जिससे पूरा दिन माइंड फ्रेश रहता है।

सकारात्मक विचार रखें – Be optimistic

जब हमारे साथ कुछ बुरा हो रहा होता है हममें से अधिकतर लोग हताश निराश होकर परेशान हो जाते हैं। जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण का होना बहुत आवश्यक है संकट समय में भी जब हम सकारात्मक दृष्टिकोण को अपनाए रखते हैं हमारा मनोबल बना रहता है। हम विपरीत परिस्थितियों को भी पूर्ण सहनशीलता से सामना कर पाते हैं। मन स्थिर और विचलित नहीं होता।

ओवर्थिंकिंग से बचें – Don’t think too much

ओवरथिंकिंग करने और सोचने में अंतर है। कई बार हम जरूरत से ज्यादा सोच कर चिंतित हो जाते हैं। मन अशांत कर बैठते हैं। ज्यादा सोचने की यह आदत अक्सर बने कामों को भी बिगाड़ देती है यदि कुछ अच्छा भी हो रहा होता है ज्यादा सोचकर हम उसे भी बिगाड़ देते हैं।

खुद पर विश्वास रखें – Believe on yourself

आत्म विश्वासी बनने के अनेकों फायदे हैं आप कभी भी दूसरों पर निर्भर नहीं होते। अपना कार्य पूर्ण समर्पण भाव से करते हैं। बार-बार परिणामों की चिंता नहीं करते और मुश्किल कार्यों को भी करने का साहस जुटा लेते हैं। यह एक प्रकार से शांत मन और स्थिर चित्त का उदाहरण है।

हमेशा मुस्कुराते रहें – Keep smiling

हंसने से शरीर में एंडोर्फिन रिलीज होता है जो कि फीलगुड हार्मोन है। एंडोर्फिन रिलीज होने से तंत्रिकाओं के बीच नए संपर्क जुड़ते हैं। दिमाग की कार्य क्षमता बढ़ती है। जब हम बुरे समय में भी मुस्कुराते हैं शरीर तब भी एंडोर्फिन रिलीज करता है जिससे हम बुरे समय में भी अच्छा महसूस करने लगते हैं जो मन में बुरे विचारों को पैदा होने से रोक देता है।

प्रकृति से जुड़े – Be in natural environment

प्रकृति से जुड़े रहना हमारी मानसिकता पर बहुत गहरा प्रभाव डालता हैं। हम बहुत कुछ ऐसा सीखते हैं जो शायद भीड़भाड़ वाले माहौल में कभी ना सीख पाए। हमारे दृष्टिकोण को नया आयाम मिलता है। प्रकृति से जुड़े रहना मानसिक शांति पहुंचाता है मन में बुरे ख्याल नहीं आते और मन भी शांत रहता हैं।

दूसरों से तुलना ना करें – Don’t compare yourself with others

मन चीजों को बहुत जल्दी जज कर लेता है और खुद से तुलना करने लगता है। जिससे नकारात्मक विचार पैदा होते है जैसे – मैं गरीब हूं, मेरे पास ये नहीं है, मेरे पास वो नहीं हैं, उसके पास सब है। इस तरह के विचार अक्सर मन को विचलित कर देते हैं जिससे मन अशांत रहने लगता है। खुद को दूसरों से तुलना ना करें आप जैसे भी हैं अच्छे और पूर्ण है।

भविष्य की चिंता ना करें – Stop living in future

वर्तमान सत्य है, यानी अभी जो हो रहा है उस पर ध्यान दें, जो बीत गया या जो आने वाला है उस पर आपका कोई कंट्रोल नहीं है बेमतलब चिंता करने से आप खुद को परेशान कर लेंगे। इसलिए वर्तमान में जीना सीखे इससे आपका मन भी शांत रहेगा।

दूसरों की मदद करें – Help others

दूसरों की मदद करना आपको अच्छा महसूस कराएगा। खुद को और दूसरों को प्रोत्साहित करते रहें। यह आपको खुद के प्रति और दूसरों के प्रति सकारात्मक सोच रखने में मदद करेगा। आप पहले से ज्यादा खुश रहने लगेंगे। मन में नेगेटिव विचार नहीं आएगा। मन भी शांत रहेगा।

नशे का सेवन ना करें – Avoid addiction

नशे की लत भले हमें बाहर से तो अच्छा महसूस कराती है मगर अंदर ही अंदर खोखला बना देती है। नशे की लत मानसिक, शारीरिक और भौतिक स्वास्थ्य को बहुत बुरी तरह प्रभावित करता हैं इसलिए जितना हो सके नशे के सेवन से खुद को बचाएं

ईश्वर की पूजा करें – say prayer

आप जिस भी भगवान को मानते हैं पूजते हैं उनकी प्रार्थना करें। पूर्ण विश्वास के साथ जब हम भक्ति में लीन होते हैं तो नकारात्मक विचार हम से कोसों दूर जाने लगते हैं। ईश्वर के प्रति समर्पण घने अंधकार में दीपक की रोशनी के सामान आपके जीवन में भी उजाला कर देता है।

हमेशा खुश रहने के उपाय | मन और दिमाग कैसे शांत रखें

  • ज्यादा सोचना बंद करें और सकारात्मक विचार रखें
  • सुबह जल्दी उठें
  • भरपूर नींद लें
  • अच्छा भोजन करें
  • पसंदीदा काम करें
  • संगीत सुनें
  • अपनी हॉबीज पर काम करें
  • अच्छी किताबें पढ़ी
  • नशे का सेवन ना करें
  • प्रकृति से जुड़े रहे
  • खुद पर विश्वास रखें

मन शांत क्यों नहीं रहता हैं कारण? मन अशांत रहने के कारण | man shant kyu nahi hota hai

करियर की चिंताओं में

जीवन में सफल होना सभी चाहते हैं मगर सही राह रास्ता मालूम नहीं होने से कठिनाइयां आती है जिससे करियर की टेंशन होने लगती है। कई बार यह टेंशन बहुत बड़े मानसिक तनाव का रूप ले लेता है। जिससे मन अशांत रहने लगता हैं।

प्रेमी जीवन की वजह से

कुछ लोगों के लिए जीवन में प्रेम पाना बहुत बड़ा संघर्ष होता है अब चाहे यह प्रेम माता-पिता से हो, पति-पत्नी, प्रेमी अथवा बच्चों से अगर कहीं भी कमी आती है तो यह मानसिक अशांति का कारण बन जाता है।

पारिवारिक समस्याएं

घर में चल रहे वाद विवाद भी मन को अशांत बना देते हैं। जिसका असर आपके अन्य कार्य चेत्र (दिनचर्या) पर पड़ने लगता है इस तरह की मानसिक अशांति का जल्द से जल्द निवारण करना आवश्यक होता है।

शिक्षा

शिक्षा का क्षेत्र भी आज के समय मानसिक रूप से प्रताड़ित करने वाला बन गया है। जहां विद्यार्थियों का लक्ष्य शिक्षित बनने से हट कर अच्छे नंबर लाना हो गया है। जिसके चलते उनके दिमाग पर बहुत बोझ पड़ने लगा है यहीं दिमागी अशांति का कारण भी है।

सामाजिक क्षेत्र के कार्यभार

हम जिस समाज में सोसाइटी में रहते हैं वहां का वातावरण भी हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत असर डालता है यदि हमारे आसपास का वातावरण ही सही नहीं है तो हम कैसे शांत रह सकेंगे

स्वास्थ्य समयाओ से

एक स्वस्थ शरीर स्वस्थ मन की रचना करता हैं। यदि आप अक्सर अस्वस्थ रहते हैं या किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है तो यह भी आपके दिमागी अशांति का कारण बन सकता है।

FAQ. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

दिमाग को फ्रेश कैसे करें?

दिमाग फ्रेश करने के लिए 5 मिनट का एक छोटा सा ब्रेक ले। इस ब्रेक समय में आप ब्रीदिंग एक्सरसाइज, प्राणायाम या मेडीटेशन कुछ भी कर सकते है। या फिर एक कप चाय या कॉफी पीना भी दिमाग फ्रेश कर देगा।

खुश कैसे रहें ?

हमेशा खुश रहने के लिए खुद के साथ समय बिताना शुरू करें। जब आप अपने साथ खुश नहीं रह सकते तो दूसरों के बीच भी कभी ख़ुशी नहीं पाएंगे। अपनी हॉबीज पर काम करें, अच्छी किताब पढ़े, संगीत सुनें और नेचुरल एन्वाइरन्मेंट में रहें।

Dhyanlok के कुछ शब्द

Man ko shant kaise rakhe : अगर आपका भी मन शांत नहीं रहता हैं दिमाग में बुरे बुरे ख्याल आते है बार बार मन भटकता है तो इस पोस्ट में बताएं तरीकों को अपनाएं आप भी मन कों शांत कर पाएंगे।

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Namaskar dosto! I'm the writer of this blog, I've fine knowledge on Yoga and Meditation, I like to spread positivity through my words.

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