अपने मन को शांत करने के 15 तरीके | Man ko shant kaise kare

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हमें लगता है विचार हमें परेशान कर रहे हैं लेकिन अगर आप ध्यान दें, तो आपको पता चलेगा आपको या हमको बहुत सारे विचार परेशान नहीं करते है बल्कि एक ही विचार अलग अलग रूप में हमें याद आ रहे होते है। kaise man ko shant kare

मानव मस्तिष्क नेगेटिव अनुभवों और गलतियों को याद रखने के लिए विकसित हुआ है। ताकि यह एक ही गलती बार बार करने से बच सकें, इसलिए अनेक विचार हमें निरंतर बार-बार याद आते रहते हैं। इस पूरे प्रोसेस में प्रॉब्लम ये है हम लोग कभी भी सजग होकर (कॉन्शियसली) नहीं सोच पाते हैं। और यहीं से ओवरथिंकिंग की शुरूआत होती हैं।

मनोवैज्ञानिको का मानना है, दिमाग मतलब निकाले वाली मशीन की तरह है। यानी हमारे आस पास जो कुछ भी हो रहा होता है दिमाग उसका मतलब निकाले बिना रह नहीं सकता हैं। जिसे समान्य भाषा में हम सब ओवरथिंकिंग (overthinking) कहते है।

अपने मन को शांत करना सीखना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन इस ब्लॉग में दिए तरीको से अपने मन को कैसे शांत रखते हैं मन को शांत और स्थिर कैसे बनाए रखना हैं आप चुटकियों में सिखने वाले हैं।

 

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अपने मन को शांत कैसे रखते हैं | How To Calm Down Mind In Hindi

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देखिए… सोचना एक बहुत ही कीमती प्रोसेस है। क्योंकि इसके द्वारा लगातार घटनाओं को हम सीख में बदल रहे होते हैं। हमारा दिमाग लगातार सीखना चाहता हैं ताकि भविष्य में वह जल्दी और बेहतर निर्णय ले सके। अगर ये प्रोसेस नहीं होगा तो हर बार हमें पुराने अनुभवों को याद करना पड़ेगा

लेकिन यहां मन का असली खेल तो आपको उलझाएं रखना होता हैं। यानी जब हम अपने ही विचारों और ऐजंपशन (assumption) के प्रति सावधान नहीं रहते हैं, मतलब विचारों के प्रति सजगता नहीं होती तो विचार फ्रीक्वेंसी में बढ़ने लगते है। इससे नेगेटिव विचार अपनी प्रधानता बना लेते हैं।

जब हम विचारों के चक्रवात में फंसे होते हैं यानी जब तक हम इन विचारों के लिए प्रतिक्रिया दे रहे होते है, विचार भी multiply होते रहते हैं।

Man ko shant kaise kare? इसके लिए एक्सेप्टेंस (Acceptance) और कमिटमेंट (commitment) एक बेहतरीन तरीका हो सकता है जहां हम सजगतापूर्वक विचारों को मैनेज करना सीखते हैं।

एक्सेप्टेंस जिसमें छिपी है अवरनेस (awareness), यानी आपको पता है हां विचार है! जो परेशान कर रहा हैं। एक्सेप्टेंस के जरिए हम विचारों को स्वीकारते है, और उनसे दूरी स्थापित करते हैं। यानी मन के विचार और आप एक नहीं है। मेटाफोर्स आपको विचारों से दूरी स्थापित करने में मदद कर सकते हैं

मन शांत करने का (Mantra) 03 मेटाफोर्स क्या है देखें

मेटाफोर्स की मदद से हम विचारों और फिलिंग्स को नए आयाम में देखते हैं और उनसे दूरी बना लेते हैं। जब हम एक ऑब्जेक्ट की प्रकृति को दूसरे ऑब्जेक्ट पर आरोपित करते हैं तो हमारे नजरिए में नया आयाम जुड़ जाता है। हम यह महसूस कर सकते हैं बिना मर्जी के हमारे किसी विचार में हमें विचलित कर देने लायक भी शक्ति नहीं होती

विचारों को कंट्रोल करना, इन्हें रोकने या खत्म करने की कोशिश करना एक रिएक्शन है जब तक हम विचारों की प्रति रिएक्ट करते हैं विचार भी multiply होते रहते हैं।

रिएक्शन को रोक कर हम विचारों को भी बढ़ने से रोक देते हैं। इसके लिए जरूरी है – एक्सेप्टेंस, यानी आपको पता है हां विचार है! जो परेशान कर रहा हैं। एक्सेप्टेंस यानी विचार परछाई की तरह है, ना अच्छे हैं, ना बुरे हैं। और इन विचारों का कोई मतलब नहीं है

दूसरा पार्ट है डिटैचमेंट यानी विचार अपने हिसाब से आते हैं और अपने हिसाब से चले जाते हैं आप इन्हें बस दूर से देख रहे होते हैं

दिमाग शांत करने वाले मेटाफोर्स को दोहराएं | Man ko shant kaise kare

विचार बादलों की तरह होते है – Clouds In The Sky

आप खुद खाली आकाश हैं और विचार बादल है। अगर आप पहाड़ों पर गए हो तो आपने देखा होगा बादल कोहरे के रूप में पहाड़ों से टकराते हैं बारिश करते हैं और चले जाते हैं। लेकिन आकाश को छू भी नहीं पाते हैं।

बादलों का ना तो कोई स्थाई अस्तित्व होता है ना उनमें आकाश को छूने की शक्ति होती है। जैसे मौसम के अनुसार बादल अपने आप प्रकट होते हैं वैसे ही नए नए विचार अपने आप आपकी चेतना में आते हैं और अपने हिसाब से चले भी जाते हैं।

मन के विचार नदी की बहती धाराओं के समान हैं – thoughts are like “River Strem”

जब विचार बार-बार परेशान करने लगें तो आप इस मेटाफोर का इस्तेमाल करें – मन के विचार नदी की बहती हुई धाराएं हैं कोई भी विचार या चिंता कितना भी शक्तिशाली प्रतीत हो वह स्थाई नहीं होता।

अब क्युकी विचारों का प्रवाह लगातार चलता रहता है आप कह सकते हैं..! हमें तो एक विचार कई बार परेशान करते हैं, असल में हम उन विचार के प्रति प्रतिक्रिया देकर उसे बार-बार पैदा करते हैं

अगर आप रुक कर देखो तो सारे विचार, भावनाएं, अनुभव और कहानियां आपकी चेतना यानी अवरनेस की रोशनी में बहते जा रहे हैं। विचारों के प्रति रिएक्शन को कंट्रोल करने के लिए “रिवर स्ट्रीम” बहुत अच्छा मेटाफोर है

ट्रैवलर ऑन हाईवे – Traveller On Highway

कल्पना करें हाईवे आपका दिमाग है और उस पर चलती हुई गाड़ियां विचार हैं। आप गाड़ी से उतरकर चल रहे हैं, अच्छा मौसम है, ठंडी हवा चल रही है, कुछ गाड़ी वाले हैं जो झगड़ालू है कुछ है जो बिना मतलब हॉर्न बजाते हैं। लेकिन जब तक आप उन्हें हाथ दिखाकर नहीं रोकते, वे आपसे बहस नहीं करते है।

आप शांति से चलते जा रहे हो और गाड़ियों को आते जाते देख रहे हो, धीरे धीरे ट्रैफिक कम होता जा रहा है।

आपको यदि बहुत बुरे विचार परेशान करते हैं तो कैसे इनसे छुटकारा पाना है चलिए जानते है –

भटकते मन को काबू (control) कैसे करें?

स्वामी विवेकानंद जी कहते हैं यह सवाल मुझसे बहुत बार पूछा जा चुका है – जिसका जवाब सुनकर आपका भी मन हल्का हो जाएगा, क्योंकि नेगेटिव विचारों से बाहर निकलना बहुत सरल है…

मन में अच्छे विचारों के बीज लगा दीजिए, यानी अच्छे और सकारात्मक चीजों को देखना, सुनना और बोलना शुरू कर दीजिए

जैसे जैसे आप अपने मन के बगीचे में अच्छे अच्छे विचार लगाते जाएंगे वैसे-वैसे दूसरे थके – कमजोर विचारों के लिए जगह नहीं बचेगी। इसलिए अगर नेगेटिव विचार आते भी हैं तो इन्हें निर्बल और निर्जीव मानकर इग्नोर कर दे। नेगेटिव विचारों को रिमाइंडर की तरह इस्तेमाल करें और उनकी जगह अच्छे विचार सोचना शुरु कर करें

नेगेटिव विचारों से बचने के लिए जानबूझकर पॉजिटिव विचारों को सोचना शुरू करें और इसकी आदत बना लें। दिनभर आपके आसपास जो भी व्यक्ति या वस्तु आए मन ही मन सभी को प्रोत्साहित करते रहें।

जब आप बुरे विचारों को रोकने का प्रयत्न करते हैं आप बुरे विचारों पर ही ध्यान केंद्रित कर रहे होते हैं जिससे उनकी संख्या और प्रभाव बड़ जाती हैं। स्वामी जी कहते हैं जब तक आपका फोकस नेगेटिव विचारों पर होगा, तब तक वे अपनी जगह से हिलेंगे भी नहीं

मन को शांत करने के लिए अभ्यास कैसे करें | How To Practice Mind Relaxing

अपना जीवन सकारात्मकता से भरे लम्हों में जीना हमें अपनी हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी कामयाबियों को पहचानने और उनमें खुश होने के लिए प्रेरित करता हैं। यह ना सिर्फ़ हमारे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता हैं बल्कि हमारे सम्बंध भी अच्छे होने लगते हैं।

पहला अभ्यास ग्रेटिट्यूड से शुरु करें

ग्रेटिट्यूड के दो महत्त्वपूर्ण भाग हैं –

  1. इसमें हम उन सभी अच्छी चीजों को अपने जीवन में स्वीकारते हैं जो हमारे साथ हुईं होती हैं।
  2. यहां हम लोगों की भूमिकाओं को अपनाते हैं जिनकी वजह से हमारे जीवन में सकाात्मकता और प्रसन्नता का संचार हो रहा होता हैं

हममें से अधिकांश लोग मन ही मन ऐसे लोगों का शुक्रियाअदा जरूर करते हैं जिन्होंने कभी हमारी मदद की होती हैं। या उन सब चीजों के लिए शुक्रगुजार होते हैं जो हमारे साथ हुईं होती हैं

रिसर्च के मुताबिक ग्रेटिट्यूड के अनेकों लाभ मिलते हैं जैसे – नींद अच्छी आती हैं, इम्यून सिस्टम बेहतर बनता हैं, आप सकारात्मक बनने लगते हैं और जीवन अधिक आनंदमय और सुखमय बनने लगता हैं, आप कभी भी खुद को अकेला महसूस नहीं करते

अपने मन को शांत करने के 13 उपाय जानें

अपने आप से प्यार करना सीखें

आप जैसे भी हो – काले या गोरे, या आपको अपनी कुछ चीजें पसंद नहीं, अपनी हर कमियों को अपनाएं क्योंकी कमियां सभी में होती है। खुद की केयर करना शुरू करें, खुद से प्यार करना शुरू करें

योग और ध्यान करें

योग और ध्यान को आप न केवल सुबह बल्कि शाम के समय भी कर सकते हैं। यदि शाम को आप ध्यान और योग अभ्यास करते हैं तो यह आपको पूरे दिन के तामझाम (तनाव) को दूर कर देगा। इससे रात में नींद भी अच्छी आएगी। बुरे सपने नहीं आएंगे और सबसे बेहतर आपका मन शांत रहेगा।

सुबह जल्दी उठे

सुबह जल्दी उठने से हमको अपने पूरे दिन को प्लान करने का निश्चित समय मिल जाता है। केवल यह कार्य करना हमें पूरे दिन होने वाले तामझाम से भी बचाता हैं और बहुत सी मेंटल एनर्जी सेव करता हैं। जिससे हमारा मन शांत रहता है उल्टे पुल्टे विचार नहीं आएंगे, आप सुबह के शांत वातावरण का आनंद भी ले पाते हैं। जिससे पूरा दिन माइंड फ्रेश रहता है।

सकारात्मक विचार रखें

जब हमारे साथ कुछ बुरा हो रहा होता है हममें से अधिकतर लोग हताश निराश होकर परेशान हो जाते हैं। जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण का होना बहुत आवश्यक है संकट समय में भी जब हम सकारात्मक दृष्टिकोण को अपनाए रखते हैं हमारा मनोबल बना रहता है। हम विपरीत परिस्थितियों को भी पूर्ण सहनशीलता से सामना कर पाते हैं। मन स्थिर और विचलित नहीं होता।

ओवर्थिंकिंग से बचें

ओवरथिंकिंग करने और सोचने में अंतर है। कई बार हम जरूरत से ज्यादा सोच कर चिंतित हो जाते हैं। मन अशांत कर बैठते हैं। ज्यादा सोचने की यह आदत अक्सर बने कामों को भी बिगाड़ देती है यदि कुछ अच्छा भी हो रहा होता है ज्यादा सोचकर हम उसे भी बिगाड़ देते हैं।

खुद पर विश्वास रखें

आत्म विश्वासी बनने के अनेकों फायदे हैं आप कभी भी दूसरों पर निर्भर नहीं होते। अपना कार्य पूर्ण समर्पण भाव से करते हैं। बार-बार परिणामों की चिंता नहीं करते और मुश्किल कार्यों को भी करने का साहस जुटा लेते हैं। यह एक प्रकार से शांत मन और स्थिर चित्त का उदाहरण है।

हमेशा मुस्कुराते रहें

हंसने से शरीर में एंडोर्फिन रिलीज होता है जो कि फीलगुड हार्मोन है। एंडोर्फिन रिलीज होने से तंत्रिकाओं के बीच नए संपर्क जुड़ते हैं। दिमाग की कार्य क्षमता बढ़ती है। जब हम बुरे समय में भी मुस्कुराते हैं शरीर तब भी एंडोर्फिन रिलीज करता है जिससे हम बुरे समय में भी अच्छा महसूस करने लगते हैं जो मन में बुरे विचारों को पैदा होने से रोक देता है।

प्रकृति से जुड़े

प्रकृति से जुड़े रहना हमारी मानसिकता पर बहुत गहरा प्रभाव डालता हैं। हम बहुत कुछ ऐसा सीखते हैं जो शायद भीड़भाड़ वाले माहौल में कभी ना सीख पाए। हमारे दृष्टिकोण को नया आयाम मिलता है। प्रकृति से जुड़े रहना मानसिक शांति पहुंचाता है मन में बुरे ख्याल नहीं आते और मन भी शांत रहता हैं।

दूसरों से तुलना ना करें

मन चीजों को बहुत जल्दी जज कर लेता है और खुद से तुलना करने लगता है। जिससे नकारात्मक विचार पैदा होते है जैसे – मैं गरीब हूं, मेरे पास ये नहीं है, मेरे पास वो नहीं हैं, उसके पास सब है। इस तरह के विचार अक्सर मन को विचलित कर देते हैं जिससे मन अशांत रहने लगता है। खुद को दूसरों से तुलना ना करें आप जैसे भी हैं अच्छे और पूर्ण है।

भविष्य की चिंता ना करें

वर्तमान सत्य है, यानी अभी जो हो रहा है उस पर ध्यान दें, जो बीत गया या जो आने वाला है उस पर आपका कोई कंट्रोल नहीं है बेमतलब चिंता करने से आप खुद को परेशान कर लेंगे। इसलिए वर्तमान में जीना सीखे इससे आपका मन भी शांत रहेगा।

दूसरों की मदद करें

दूसरों की मदद करना आपको अच्छा महसूस कराएगा। खुद को और दूसरों को प्रोत्साहित करते रहें। यह आपको खुद के प्रति और दूसरों के प्रति सकारात्मक सोच रखने में मदद करेगा। आप पहले से ज्यादा खुश रहने लगेंगे। मन में नेगेटिव विचार नहीं आएगा। मन भी शांत रहेगा।

नशे का सेवन ना करें

नशे की लत भले हमें बाहर से तो अच्छा महसूस कराती है मगर अंदर ही अंदर खोखला बना देती है। नशे की लत मानसिक, शारीरिक और भौतिक स्वास्थ्य को बहुत बुरी तरह प्रभावित करता हैं इसलिए जितना हो सके नशे के सेवन से खुद को बचाएं

ईश्वर की पूजा करें

आप जिस भी भगवान को मानते हैं पूजते हैं उनकी प्रार्थना करें। पूर्ण विश्वास के साथ जब हम भक्ति में लीन होते हैं तो नकारात्मक विचार हम से कोसों दूर जाने लगते हैं। ईश्वर के प्रति समर्पण घने अंधकार में दीपक की रोशनी के सामान आपके जीवन में भी उजाला कर देता है।

हमेशा खुश रहने के उपाय | मन और दिमाग कैसे प्रसन्न रखें

  • ज्यादा सोचना बंद करें और सकारात्मक विचार रखें
  • सुबह जल्दी उठें
  • भरपूर नींद लें
  • अच्छा भोजन करें
  • पसंदीदा काम करें
  • संगीत सुनें
  • अपनी हॉबीज पर काम करें
  • अच्छी किताबें पढ़ी
  • नशे का सेवन ना करें
  • प्रकृति से जुड़े रहे
  • खुद पर विश्वास रखें

FAQ. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

दिमाग को फ्रेश कैसे करें?

दिमाग फ्रेश करने के लिए 5 मिनट का एक छोटा सा ब्रेक ले। इस ब्रेक समय में आप ब्रीदिंग एक्सरसाइज, प्राणायाम या मेडीटेशन कुछ भी कर सकते है। या फिर एक कप चाय या कॉफी पीना भी दिमाग फ्रेश कर देगा।

खुश कैसे रहें ?

हमेशा खुश रहने के लिए खुद के साथ समय बिताना शुरू करें। जब आप अपने साथ खुश नहीं रह सकते तो दूसरों के बीच भी कभी ख़ुशी नहीं पाएंगे। अपनी हॉबीज पर काम करें, अच्छी किताब पढ़े, संगीत सुनें और नेचुरल एन्वाइरन्मेंट में रहें।

शांत मन के फायदे | shant man ke fayde

दिमाग बेहतर काम करता हैं।
सकारात्मक विचार आते हैं।
तनाव वाले हार्मोन नियंत्रित रहते हैं।
अनचाही लत नहीं लगतीप्रसन्नता बढ़ने लगती हैं।
मस्तिष्क नए तंत्रिकाओं का निर्माण करता है।
कार्य फ्लो या कार्य क्षमता बढ़ती हैं।
उम्र बढ़ना कम होता हैं।
सम्बन्धो में निखार आने लगता हैं।
दिमाग के लिए एक्सरसाइज
बेहतर फोकस क्षमता
बेहतर स्वास्थ
एक अच्छे श्रोता और समीक्षक बनते हैं।
क्रिएटिविटी बढ़ती हैं।

मन शांत क्यों नहीं रहता कुछ समान्य कारण

करियर की चिंताओं में

जीवन में सफल होना सभी चाहते हैं मगर सही राह रास्ता मालूम नहीं होने से कठिनाइयां आती है जिससे करियर की टेंशन होने लगती है। कई बार यह टेंशन बहुत बड़े मानसिक तनाव का रूप ले लेता है। जिससे मन अशांत रहने लगता हैं।

प्रेमी जीवन की वजह से

कुछ लोगों के लिए जीवन में प्रेम पाना बहुत बड़ा संघर्ष होता है अब चाहे यह प्रेम माता-पिता से हो, पति-पत्नी, प्रेमी अथवा बच्चों से अगर कहीं भी कमी आती है तो यह मानसिक अशांति का कारण बन जाता है।

पारिवारिक समस्याएं

घर में चल रहे वाद विवाद भी मन को अशांत बना देते हैं। जिसका असर आपके अन्य कार्य चेत्र (दिनचर्या) पर पड़ने लगता है इस तरह की मानसिक अशांति का जल्द से जल्द निवारण करना आवश्यक होता है।

शिक्षा

शिक्षा का क्षेत्र भी आज के समय मानसिक रूप से प्रताड़ित करने वाला बन गया है। जहां विद्यार्थियों का लक्ष्य शिक्षित बनने से हट कर अच्छे नंबर लाना हो गया है। जिसके चलते उनके दिमाग पर बहुत बोझ पड़ने लगा है यहीं दिमागी अशांति का कारण भी है।

सामाजिक क्षेत्र के कार्यभार

हम जिस समाज में सोसाइटी में रहते हैं वहां का वातावरण भी हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत असर डालता है यदि हमारे आसपास का वातावरण ही सही नहीं है तो हम कैसे शांत रह सकेंगे

स्वास्थ्य समयाओ से

एक स्वस्थ शरीर स्वस्थ मन की रचना करता हैं। यदि आप अक्सर अस्वस्थ रहते हैं या किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है तो यह भी आपके दिमागी अशांति का कारण बन सकता है।

Dhyanlok के कुछ शब्द

Man ko shant kaise rakhe : अगर आपका भी मन शांत नहीं रहता हैं दिमाग में बुरे बुरे ख्याल आते है बार बार मन भटकता है तो इस पोस्ट में बताएं तरीकों को अपनाएं आप भी मन कों शांत कर पाएंगे।

Namaskar dosto! I'm the writer of this blog, I've fine knowledge on Yoga and Meditation, I like to spread positivity through my words.

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