Meditation kaise kare – मेडिटेशन करना सीखने के लिए आपको एक जगह निरंतर बैठे रहने कि आवश्यक्ता नहीं है एक समान्य व्यक्ति भी मेडिटेशन करने में सक्षम हैं। यह तो केवल आपकी चेतना (मानसिक स्थिरता) का अंग मात्र हैं जिसे ध्यनाभ्यास के जरिए एक व्यक्ति सजग होकर अनुभव करता हैं
इस विषय में आप एक अनुभवी व्यक्ति, गुरु या ट्रेनर की सहायता जरूर प्राप्त करें, क्योंकि वे आपके वर्षो के असफल प्रयासों को सही मारगदर्शन देकर आपको सही से मेडिटेशन करने को प्रशिक्षित कर सकते हैं (kaise kare meditation)
कल्पना करें ऐसे व्यक्ति को (dhyan kaise lagaye) जिसने पहले कभी ध्यान नहीं किया हैं आप क्या सलाह देंगे? क्योंकी एक अनुभवी और शुरूआती साधक में केवल इतना सा अंतर होता है जो लंबे समय से मेडिटेशन करते आ रहे होते हैं फलस्वरूप वह व्यक्ति मानसिक स्थिरता को सजग होकर अनुभव करने में सक्षम होते हैं।
आईए इस विषय को हम थोड़ा और आगे बढ़ाते हैं और यह भी जानने का प्रयास करते हैं कैसे एक शुरूआती साधक जो अभी ध्यनाभ्यास के लिए सज्ज नहीं हुआ है (meditation kaise kare) वह खुद को गहरे ध्यान में ले जाने के लिए कैसे अपना मार्ग प्रशस्त करेगा?
मेडिटेशन करना कैसे सीखें – योग, ध्यान और मेडिटेशन में अंतर | Meditation kaise kare | dhyan kaise lagaye
योग का शाब्दिक अर्थ होता है – जोड़ना, संस्कृत में योगा (yoga) शब्द को युज धातु से लिया गया है। महर्षि पतंजलि के अनुसार योगा (yoga) का अर्थ है – “एक होना” या “एक में मिलना” योगाभ्यास से एक व्यक्ति अपने शरीर, मन और आत्मा को एकात्म करने में सफल होता हैं।
योग का ही एक अंग है ध्यान अर्थात मेडिटेशन (meditation), स्वांस पर ध्यान केंद्रित करना ध्यान के कुछ अहम पहलुओं में एक हैं। यह कोई मुश्किल कार्य नहीं है आति – जाती स्वांसो पर मन को स्थिर करना। मध्यम गति से स्वांस खीचना और बाहर निकालना यही तो ध्यान है।
स्थिर आसन में बैठना, शांतवातावरण, मंत्र उच्चारण आदि सभी मन को स्थिर रखने के लिए साधन मात्र हैं यह किसी शुरूआती साधक के लिए आवश्यक हैं। क्योंकी शुरूआत में मन अक्सर बाहरी चीजों के लिए आकर्षित हो जाता हैं अर्थात मन विचलित होने लगता हैं
दृढ़ आसन मन की स्थिरता और गहरे ध्यान की अवस्था (deep meditation) को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। मगर ध्यान से होने वाले फायदे आपको एक निश्चित अवधि बाद मिलना शुरू होंगे
मेडिटेशन कैसे किया जाता हैं? | Meditation in 07 steps beginner to advance
शुरूआती लोग ध्यान लगाने के लिए नीचे दिए स्टेप्स को फॉलो करें, इसे आप घर पर भी कर सकते हैं ध्यान स्वच्छ और समतल भूमि पर ही करें एवं शौच से पहले ही निवृत हो जाएं
Step 1:
पहली बार मेडिटेशन करने जाएं तो खुले और शांत वातावरण में जाए
क्या आप ऐसे स्थान पर मेडिटेशन करना चाहेंगे जो पूर्णतः दूषित हो, आसपास दूषित हवाएं चल रही है, विभिन्न प्रकार की ध्वनियां आपके कानों में आ रही हैं, और कोई भी आपको बीच में उठाने आ जाता हैं। इसलिए ध्यान का पहला नियम है इसे शांत और खुले वातावरण में किया जाना चाहिए।
Step 2: मेडिटेशन करने के लिए यम, नियम, आसन, प्राणायाम और प्रत्याहर से निवृत होना आवश्यक हैं
यह आपको मानसिक और शारीरिक रूप से ध्यानाभ्यास के लिए तैयार करेगा। यम, नियम, आसन, प्राणायाम और प्रत्याहर सभी ध्यान से जुड़े अंग हैं। यम हमे नैतिक मूल्यों के हनन से प्रतिबंधित करता है। नियम मुख्यत: हमारे चारित्रिक मूल्यों पर केंद्रित होता है। आसन शरीर की वह स्थिती हैं जिसमें आप अपने शरीर व मन के साथ शांत, स्थिर एवं सुख से रहते हैं। प्राणायाम अर्थात् आसन की स्थिरता होने पर स्वांस – प्रवास की स्वाभाविक गति का नियमन करना – रोककर सम कर देना “प्राणायाम” है। तथा संसार में आसक्ति अनासक्तभाव से रहना प्रत्याहार कहलाता हैं।
Step 3: ध्यान हमेशा स्थिर आसन में किया जाना चाहिए
सुख पूर्वक बिना कष्ट के एक ही स्थित में अधिक से अधिक समय तक बैठने की क्षमता को आसन कहते हैं। आसनों का अभ्यास शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वास्थ्य लाभ एवं उपचार के लिए किया जाता हैं।
Step 4: प्राणायाम व नाड़ी शोधन मन को एकाग्र और प्राण ऊर्जा प्रवाह में मदद करता हैं
प्राण का अर्थ ऊर्जा अथवा जीवन शक्ति है तथा आयाम का तात्पर्य ऊर्जा को नियंत्रित करना है। नाड़ीशोधन प्राणायाम के अर्थ में तात्पर्य एक ऐसी क्रिया से हैं जिसके द्वारा प्राण का प्रसार विस्तार किया जाता हैं तथा उसे नियंत्रण में भी रखा जाता हैं।
Step 5 : गहरे ध्यान के लिए मुद्रा अथवा मंत्र उच्चारण करें
मुद्रा विज्ञान अपने आप में अभूतपूर्व विषय है। मंत्रो का उच्चारण व्यक्ति के मन, मस्तिष्क और आत्मा पर भी प्रभावी हैं जहां मनुष्य एक ध्वनि मात्र से असीमित ऊर्जा का उत्थान कर सकता हैं।
Step 6 : नेत्र बन्द अथवा खुले रख सकते हैं
ध्यानमग्न अवस्था या जिसे हम मेडिटेशन करना कहते हैं। एक व्यक्ति जो पूर्णतः ध्यानमग्न है उसके मूल विचारों की कल्पना करने के लिए हमें प्रकृति से समसरता की आवश्यकता है आप यथार्थ भाव से किसी का वरण कर सकते हैं। अपनी एकाग्रता शरीर के किसी भी ऊर्जा केंद्र को निरूपित करने में लगा सकते हैं। या केवल जप कर सकते हैं।
Step 7 : ध्यान से बाहर आने के लिए समय निश्चित जरूर कर रखें
जब आवश्यकता लगें आपको ध्यान से बाहर आना है निहसंकोच सामान्य अवस्था में लौट जाएं। तत्पश्चात आप अपनी समान्य दिनचर्या में भी लौट सकते हैं।
ध्यान की कोई सीमा नहीं है इसे बाबत रूप से आप जब चाहें जितना चाहें कर सकते हैं। शुरूआत छोटी अवधि में लगाना शुरूआती साधको के लिए सर्वथा उचित रहेगा, धीरे – धीरे इसकी अवधी बढ़ाई जा सकती हैं। प्रात और संध्या के समय ध्यान लगाना सर्वोप्युक्त माना गया है। अन्यथा अपनी दिनचर्या के मुताबिक अभ्यास करें।
घर पर मेडिटेशन करने के लिए टिप्स | Meditation karne ka tarika
कई लोगो के लिए मेडिटेशन में बैठना अत्यंत कठिन होता है इसके विपरीत कई लोग इसे असानी से कर रहें होते है। संभवतः यदि आप अपने घर पर मेडिटेशन करते है तो शायद आपके अस्त व्यस्त रहने की आदत की वजह से शांत बैठ पाना भी आपके लिए संभव नहीं हो पाता होगा। मन सदैव कुछ करने के लिए इधर उधर दौड़ रहा होता है।
इसका मतलब ये नहीं कि आपको ध्यान लगाना (मेडीटेशन करना) नहीं आता है बल्कि कोई भी व्यक्ति मेडीटेशन करना सीख सकता है। कोई भी जन्म से यह सब सीख कर नहीं आता, हम सभी ने कभी न कभी इसकी पहली शुरुवात की होगी, जो आज हम इतने सक्षम हों पाएं हैं।
जो व्यक्ति भटकते मन पर काबू पा लेता हैं उसे कभी ध्यान लगाने में समस्या नहीं आती। अथवा उसे ध्यान लगाने की आश्यकता नहीं पड़ती। क्युकी ऐसा व्यक्ति अपने अन्तर में उठने वाले भावों और आकांक्षाओं के प्रति सदैव सजग रहता है।
ध्यान लगाना शारीरिक और मानसिक विकारों को दूर करता हैं मन प्रसन्न, स्थिर और कांतिमय बनता हैं। मन की एकाग्रता बढ़ती है। सोचने समझने की शक्ति बढ़ती, जीवन में शांति, प्रेम और एकमयता आती हैं।
ध्यान लगाने के कौन कौन से तरीक़े है? | Meditation kaise karte hain
मेडिटेशन के विभिन्न प्रकारों को समझने के लिए आइए इसे किन्हीं दो रूपों में समझते हैं
- स्वतंत्र चित्त बोध
- एकाग्र चित्त बोध
पहला – स्वतंत्र चित्त बोध में साधक की सजगता विचार व भावनाएं जो वर्तमान में साधक के शरीर में घटित हो रहा है उनका बोध कर रहा होता है। अर्थात् आप स्वयं के सजग होने का बोध कर रहे हैं।
दूसरा – एकाग्र चित्त बोध में साधक किसी वस्तु, जगह या अपनी स्वंसो पर केंद्रित होता हैं ऐसा मन विचलित होने अथवा भटकने से बचाने के लिए किया जाता है। जैसे – जैसे साधक लगातार अभ्यास करता हैं उसकी स्थिरता और गहराई में वृद्धि आती है।
ध्यान के प्रकार | मेडिटेशन के प्रकार | Types of meditation in hindi
माइंडफूलनेस मेडिटेशन : माइंडफूलनेस मेडिटेशन को सबसे आसान मेडिटेशन तकनीकों में एक माना जाता है क्योंकि इसके लाभ बहुत जल्दी मिलने लगते हैं। इसमें मुख्य रूप से आती और जाती हुई सांसों पर ध्यान लगाया जाता है। इसे आप कहीं भी और कभी भी प्रैक्टिस कर सकते हैं।
बॉडी स्कैन मेडिटेशन : बॉडी स्कैन मेडिटेशन एक तरह की रिलैक्सेशन टेक्निक है जिसे बहुत से मेडिटेशन प्रकारों में भी उपयोग किया जाता है। हालांकि, इसे आप ऐसे प्रैक्टिस कर सकते हैं बॉडी स्कैन मेडिटेशन में आप शरीर के प्रतियेक अंग में अपना ध्यान ले जाते हैं और उसे तनाव रहित बना देते है।
चक्रा मेडिटेशन : चक्र मानव शरीर में स्थित ऊर्जा केंद्र होते हैं मुख्य सात ऊर्जा चक्र होते है जो हमारे मूल से होते हुए मेरुदंड के सीध में सिर के ऊपर तक जाती हैं। चक्रा मेडिटेशन से इन चक्रों में उर्जा संतुलित की जाती है जो हमारे पूरे स्वास्थ्य को अच्छा बनाता है सात चक्र – मूलाधार, स्वाधिष्ठान, मणिपुरा, अनाहता, विशुद्धि, अंजना और सहस्त्रार्थ
कुंडलिनी मेडिटेशन : कुंडलिनी योग विभिन्न योग क्रियाओं, प्राणायाम और आसनों का समावेश है जिससे कुंडलिनी उर्जा को जागृत किया जाता है। यह मेरुदंड के मूल में स्थित होता है ध्यान करना कुंडलिनी शक्ति जागृत और उनमें उर्जा का संचार बढ़ाता है जो बहुत से स्वास्थ्य लाभ पहुंचाता है।
लविंग किंडनेस मेडिटेशन : लविंग किंडनेस मेडिटेशन दया, प्रेम जैसे गुणों में विकास लाता हैं। आप खुद के प्रति, दूसरों के प्रति और प्रकृति से समसरता का भाव महसूस करने लगते हैं। इन लाभों के अलावा लविंग किंडनेस मेडिटेशन उम्र बढ़ने को भी धीमा करता है।
मंत्र मेडिटेशन : मंत्र कोई शब्द या वाक्य होते है जिसे ध्यान में बार-बार उच्चारित किया जाता है। मंत्रो में सबसे अधिक “ॐ” मंत्र का जाप किया जाता है। मंत्रोच्चारण मन को वर्तमान में स्थिर बनाए रखता है और एकाग्रता बढ़ाता हैं।
क्रिया योगा : क्रिया योग ध्यान, प्राणायाम, योग और सही जीवनशैली का सम हैं। क्रिया योग आध्यात्मिक विकास लाता है। क्रिया योग उन साधकों के लिए है जो आध्यात्मिकता की राह पर है
नाद योग : नाद योग और साउंड मेडिटेशन, इसमें ध्वनि या कंपन को मुख्य केंद्र मानकर मेडिटेशन किया जाता है। आप किसी हल्के मधुर संगीत या किसी आवाज अपना ध्यान केंद्रित करें। आप अपने अन्तर ध्वनि पर भी ध्यान लगा सकते है। नाद योग सांसारिक चिंताओं से मुक्त कराता है जिससे आप सुख और शांति को प्राप्त करते हैं एकाग्रता बढ़ती है।
प्राणायाम : प्राण अर्थात ऊर्जा और आयाम का मतलब प्रसार – विस्तार करना। प्राणायाम श्वास प्रवास की क्रिया है यह शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाता है मन शांत, चित्त स्थिर करता है। वैसे प्राणायाम एक प्रकार का योग है लेकिन इसे आप कहीं भी और कभी भी कर सकते हैं
Qigong मेडिटेशन : Qigong चाइना की प्रचलित मेडिटेशन टेक्निक्स में एक है इसका मुख्य उद्देश्य प्राण ऊर्जा को संतुलित करना होता है – ब्रिथिंग टेक्निक्स, मेडिटेशन और मूवमेंटस की सहायता से, प्राण ऊर्जा संतुलित होने से जीवन शक्ति बढ़ती है। अंगों के कार्य करने की क्षमता बढ़ती है। नींद भी अच्छी आती है।
तंत्र मेडिटेशन : तंत्रा मेडिटेशन सामान्य मेडिटेशन प्रकारों से बहुत अलग होता है ये बहुत एडवांस मेडिटेशन है। तंत्र मेडिटेशन का एक लाभ आप खुद की उर्जा, शरीर और आत्मा से जुड़ जाते हैं। तंत्र मेडिटेशन में विभिन्न आसान, मंत्र, मुद्रा, बंधो, चक्रों का उपयोग शामिल है।
थर्डआई मेडिटेशन : थर्डआई मेडिटेशन योग की ही एक शाखा है जहां त्राटक और चक्रा मेडिटेशन का उपयोग शामिल है। थर्डआई मेडिटेशन से आप सूक्ष्म ऊर्जाओं और उनके वास्तविक स्वरूप को समझने की क्षमता विकसित करते है। यहां आप अपने छठे चक्र यानी दोनों बौहो के बीच अपना ध्यान लगाते हैं।
ट्रांसीडेंटल मेडिटेशन : ट्रांसीडेंटल मेडिटेशन महर्षि महेश योगी द्वारा सिखाया जाने वाला योग है। ये मंत्रा मेडिटेशन की तरह है यहां आपको एक विशेष मंत्र दिया जाता है इस मेडिटेशन को दिन में दो बार लोटस पोजिशन में बैठकर अभ्यास किया जाता है
त्राटक : त्राटक एक तरह का योग है जिसे गेजिंग मेडिटेशन भी कहते है। इसमें आपको किसी बिंदु या दिए की ज्योत को बिना पलक झपकाए देखना होता है। त्राटक से एकाग्र होने की क्षमता बढ़ती है।
विपस्सना मैडिटेशन : विपस्सना मैडिटेशन को तीन स्तरों में अभ्यास किया जाता है सबसे पहले सांसो पर ध्यान लगाया जाता है, दूसरे स्तर में बॉडी स्कैन और तीसरे में अंतरध्यान किया जाता है।
वाकिंग मेडिटेशन : वाकिंग मेडिटेशन, मेडिटेशन की कुछ बेहद सरल टेक्निक्स में एक है। यहां आपको बस वर्तमान के प्रति सजग बने रहना होता है इसमें चलते चलते आप बॉडी स्कैनिंग और ब्रीदिंग (प्राणायाम) प्रैक्टिस करते हैं। चलना मन को शांत करता है और प्राणायाम वर्तमान में आपको स्थिर बनाता हैं।
जेन मेडिटेशन : जेन मेडिटेशन एक जैंपनीज मेडिटेशन टेक्निक है। जेनन का मतलब होता है बैठकर मेडिटेशन करना, जेन मेडिटेशन एक अध्यात्मिक मेडिटेशन है। इसका अभ्यास स्पष्टता और जागृति लेकर आता है। जेन मेडिटेशन सांसारिक समस्याओं का समाधान ढूंढ के बदले उनसे उत्सर्जित दुखों के मूल को समझने और जीवन में सुख के महत्व को समझाता है।
स्पिरिचुअल मेडिटेशन : स्पिरिचुअल मेडिटेशन मुख्य रूप से अध्यात्म की ओर बढ़ रहे लोगों के लिए होता है जहां उनका अंतर्मन सांसारिकता से हटकर पूर्णतः अध्यात्म में लग गया होता है।
ध्यान के फायदे | मेडिटेशन के 15 लाभ | 15 Benifits of meditation in hindi
मन विचलित नहीं होगा – reduce mind rumination
जब आप ध्यान करने लग जाएंगे, आप देखेंगे, मन बहुत कम भटकने लगा है। अब यह पहले की तरह विचारों के आने से विचलित नहीं होता बल्कि अब यह स्थिर रहने लगा है। हम सभी मनुष्यों ने मन रूपी अद्भुत प्रतिभा पायी है किन्तु ये चंचल मन स्थिर रहना नहीं जानता, ध्यान करना मन की चंचलता दूर करता हैं इसे दृढ़ बनाता है।
एकाग्रता बढ़ेगी – increase focus
एकाग्रता जरूरी है जीवन में एकाग्रता होने से मनुष्य भटकता नहीं हैं। ध्यान करने से एकाग्रता रूपी दिवार कभी कमजोर नहीं होता है। सर्वप्रथम आप सजग बनते हैं। विचार, भावनाएं कभी आपको तंग नहीं करती है आप एकाग्र बनने लगते हैं।
दिमागी विकास होगा – brain development
दिमाग जितना गतिशील, स्वस्थ और मजबूत होता हैं उसके कार्य करने की क्षमता भी उतनी अधिक होती हैं। मेडिटेशन करने से दिमागी तंत्रिकाओं के बीच न्यूरोकनेक्शन स्थापित होता हैं जिससे दिमागी क्षमता बढ़ने लगती हैं।
आनंदमयता बढ़ती है – happiness
मेडिटेशन करने से इंसान खुशमिजाज बन जाता है आप हमेशा खुश रहने लगते हैं। दुख आपके जीवन से जैसे कोसो दूर हो गया हैं। आपको कठिनाइयों से भय नहीं लगता, फलस्वरुप आप आनंदमय और प्रसन्न बनने लगते है।
शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है – increase body immunity
प्रतिरोधक क्षमता ही हमे बिमारी, इन्फेक्शन से बचाती हैं। अगर यही कमजोर हो जाएगा तो हम हमेशा बीमार रहने लगेंगे। ध्यान योग करने का ये फायदा होता है यह हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता हैं।
मानसिक और शारीरिक विकार दूर होंगे
जीवन में विकारों के बीच ध्यान छन्नी के तरह हैं ये उन्हें नष्ट तो नहीं करता लेकिन उन्हें हमतक पहुंचने से जरूर रोक देता हैं। मानसिक और शारीरिक विकार दूर होने से हम अधिक प्रसन्न और आनन्दमय बन जाते हैं।
सीखने की प्रतिभा विकसित होगी
ध्यान करने से एकाग्रता बढ़ती है। संयम बढ़ता है। दिमागी क्षमता बढ़ती है। यह सभी आपको नई प्रतिभा सीखने और उन्हें निखारने में मदद करता है।
स्वयं पर नियंत्रण बढ़ता है – control
ध्यान करने से आप खुद के शरीर को कंट्रोल कर सकते हैं यहां मतलब हरकतों से हैं। आप खुद के इमोशन और फीलिंग्स को कंट्रोल करने लगते हैं। यानी आप स्वयं पर नियंत्रण पा लेते है।
आध्यात्मिक विकास – spirituality
आध्यात्मिक विकास प्रत्येक मनुष्य के लिए निसंदेह जरूरी है। संसारिक विलासिता के मध्य आध्यात्मिकता की किरण सूर्योदय के समान जीवन में सत्य का प्रकाश बिखेरता हैं। संसारी दृष्टिकोण से परे सत्य जानने में मदद करता है।
आत्मविश्वास बढ़ता है – increase confidence
आत्मविश्वास में कमी वर्तमान मनुष्यों के लिए आम बात हो गयी हैं। मुसीबत हो, जॉब इंटरव्यू में जाना है या कुछ बड़ा करना चाहते हैं उन्हें खुद में आत्मविश्वास ही नहीं दिखता, मुश्किल आने पर वे नियंत्रण खो देते हैं। मेडिटेशन करना इसी कमजोरी को दूर करता हैं और आपको आत्मविश्वासी बनाता है।
क्रोध नियंत्रित रहता हैं – control angerness
नियंत्रण कहे या गुस्सा शांत करना दोनों में ही आप मेडिटेशन को प्रभावी पायेंगे। गुस्से में लोग ना सिर्फ अपना आपा खो देते है इसके चलते वे अपराध जैसी दंडनीय प्रयास कर बैठते हैं। यदि आप स्वयं पर नियंत्रण पाना चाहते है तो मेडिटेशन योग से लाभकारी कुछ नहीं है।
याददाश् बढ़ती – improve memory
याददाश् कमजोर रहने का मुख्य कारण मन न लगना हैं। कार्य के प्रति ध्यान न होना भी है याददाश् में कमजोरी का कारण होता हैं। याददाश बढ़ाने के लिए आप रोज मेडिटेशन करें
सहन शक्ति बढ़ती हैं – improve persistency
वास्तव में ध्यान मानसिक शक्ति विकासित करता है जो फलस्वरूप हमारे शारीरिक और मानसिक क्षमता का विकास करता है हमे शक्ती प्रदान करता है। जो लोग मानसिक रूप से पीड़ित होते हैं उनकी सहन शक्ति भी कमजोर होती है मेडिटेशन करना उनमें सहन शक्ति का विकास करता हैं
मेटाबॉलिज्म संतुलित रहता – stable metabolism
मेटाबॉलिज्म अनियंत्रित होना गलत खानपान का नतीजा हो सकता है जानबूझकर कुछ लोग अटपटा खा लेते हैं मगर मेटाबॉलिज्म सही ना होना उनके लिए परेशानी का सबब बन जाता हैं। मेटाबॉलिज्म संतुलित रखने के लिए आप योग प्राणायाम करें
संकटो से जूझने की शक्ति बढ़ेगी
संकट का समय ही हमारा असल इम्तिहान होता है, ध्यान करने से संकटो से जूझने की शक्ति बढ़ती हैं। हम सही से उसका सामना कर पाते हैं। इसलिए ध्यान (मेडीटेशन) को कम ना समझे।
FAQ. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
मेडिटेशन क्यों करना चाहिए – meditation kyu kare
Dhyan लगाने के फायदे तो अनेक है जो किसी को भी meditation करने के लिए आकर्षित कर लें। मगर ध्यान का लक्ष्य लाभ प्राप्ति बिल्कुल नहीं होता, meditation ke fayde तो स्वभाविक ही प्राप्त होंगे। ध्यान का मूल लक्ष्य तो हमें वास्तविकता से परिचित कराना है खुद के प्रति सजग बनाना, जिसे लगातार अभ्यासो से ही पाया जा सकता है।
मेडिटेशन कितनी देर करें?
मेडिटेशन की शुरूआत 5 से 10 मिनट बेस्ट होता है, हालांकि, इसे आप अपनी इच्छा अनुसार ही करें।
ध्यान में मन भटकने पर क्या करें?
ध्यान की अवस्था में उठने वाले विचार जब चेतना को कहीं और ले जाने का प्रयास करे, बलपूर्वक इसे ना रोके। बल्कि ध्यान में मन का भटकना स्वाभाविक होता हैं। विचारों से उलझने या उनमें शामिल होने का प्रयास न करें, विचार तो आयेंगे और कुछ समय बाद चले भी जाएंगे। अपना ध्यान आप स्वांसो पर टिकाए
क्या ध्यान लगना कठिन है?
चाहे आप ध्यान की कोई भी विधी करें, कठिनाइयां स्वभावीक है। यदि आपको मेडिटेशन कठीन लगता है तो किसी योग्य गुरु के निर्देशन में अभ्यास करें
क्या ध्यान और मेडिटेशन अलग है?
नहीं! वास्तव में ध्यान ही मेडिटेशन हैं जिसे पश्चिमी लोगों ने meditation नाम दिया है, वास्तव में ध्यान और मेडिटेशन दोनों एक है परंतु मेडिटेशन, ध्यान के अर्थ को पुनत: चरितार्थ नहीं करता।
ध्यान के लाभ कितने दिन में मिलते हैं?
सर्वप्रथम ध्यान केवल लाभ पाने के लिए ना करें, लाभ हानि में केंद्रित रहकर कभी ध्यान की अनंत गहराई को आप महसूस नहीं कर पाएंगे। नियमित रूप से ध्यान करें, आपको लाभ अवश्य होगा। इसमें समय लग सकता हैं
Dhyanlok के कुछ शब्द
आशा है Meditation kaise kare | dhyan kaise lagaye आप जान गए होंगे। ध्यान क्या और कैसे करें यह तो आपने जान लिया लेकिन इसका प्रयास करना भी जरूरी है तभी आपको ध्यान से होने वाले फायदे प्राप्त होगा
यदि आपको meditation या dhyan में किसी प्रकार का सवाल है तो उसे comments में पूछ सकते है।