शवासन को योगाभ्यास ओं में बहुत महत्वपूर्ण योग आसन बनाना चाहता है फिर भी बहुत से लोग इसे नहीं करते अथवा बहुत कम समय के लिए करते हैं यदि आप योगाभ्यास करते हैं तो अंत में सब आसन का अभ्यास करना आपके योगासनों के प्रभाव को बढ़ा देता है
शवासन में आप गहरी शांत चित्त अवस्था में होते हैं आप सुप्त अवस्था में जगे हुए होते है यह आपके पूरे शरीर को रिलैक्स करता है
Table of Contents
शवासन क्या है? शवासन का अभ्यास कैसे करें
शवासन का अभ्यास क्यों करना चाहिए
सब आसन का अभ्यास योगाभ्यास के अंत में किया जाते हैं अथवा इसे गहरी शांत चित्त अवस्था को प्राप्त करने के लिए अभ्यास किया जाता है इसे शवासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसे किसी शौक के समान पीठ के बल लेटकर किया जाता है जहां शरीर के प्रत्येक अंग को शांत किया जाता है
हम सभी अपनी दिनचर्या में अपने आसपास होने वाली सभी क्रियाओं में प्रतिक्रिया दे रहे होते हैं कई बार तो हमें खुद इसका आभास नहीं होता कि हम ने प्रतिक्रिया दी है हालांकि यह सभी प्रतिक्रियाएं हमारे जीवन को सही गति से चलाने में सहायता प्रदान करते हैं
आसनों का अभ्यास करना हमें हमारे द्वारा किए गए हरकतों के प्रति सजग बनाते हैं कैसे हमारा मन प्रतिक्रिया देता है जब हम आसनों के अभ्यास में अपने शरीर को भिन्न भिन्न आकार अवस्थाओं में लाते हैं इसलिए जब हम अंत में सवार संघ अभ्यास कर रहे होते हैं हम शांत चित्त अवस्था में होते हुए अपने द्वारा किए गए प्रतिक्रियाओं का साक्षात्कार करते हैं यहां आप सुप्त अवस्था में भी जागृत होते हैं
अनेक तरह की ऊर्जा उत्पन्न होती है और चली जाती है मगर फिर भी इन बंदरों के बीच आप शांत और चित रूप में इन से प्रत्यक्ष हो रहे होते हैं
रिलैक्सेशन का होना बहुत उपयोगी है यह आसान हमारे पूरे शारीरिक और मानसिक रूप से आराम पहुंचाते हैं शरीर में सजगता लाती है जब शरीर पूरी तरह आराम पूर्ण शांति स्थिर होता है मन की सजगता बढ़ती है जो प्रत्याहार को भी विकसित करता है
सवासना का अभ्यास कैसे करें
- पीठ के बल लेट जाएं
- शरीर एक सीध में, रीढ़ सीधी
- एक पथ का तकिया या कपड़ा सिर को सपोर्ट करने के लिए
- कलाइयां अगल-बगल पर एक दूसरे से थोड़ी दूर हथेलियां ऊपर की ओर मुख करके आरामदायक स्थिति में
- पैर को भी दूर रखें जिससे आरामदायक स्थिति में रह सके
- आंखें बंद करें
- शांत चित्त वैसे ही लेटे रहे शरीर को हिला नहीं
- स्वास प्रवास स्वतः चलने दे
- ध्यान की तरह सांसो पर ध्यान लगाएं
- जितना अधिक समय आप इस अवस्था में बिताएंगे उतना बेहतर होगा
- कुछ समय बाद पुनः अपने शरीर और वातावरण के लिए सचेत हो जाएं
- धीरे-धीरे हरकत करना शुरू करें
- जब आप तैयार हो जाएं तो आराम से उठे और अपनी दिनचर्या में वापस जाएं
- हमेशा अपने शारीरिक सीमाओं का ध्यान रखते हुए अभ्यास करें कुछ भी ऐसा ना करें जो शारीरिक कष्ट देने लगे
आसनों का अभ्यास जैसे शवासन एक बेहतरीन तरीका हो सकता है मॉडर्न समय में इस प्रेस जैसी व्याधियों से बचने का योग अभ्यास करना न्यूरो हार्मोन और मेटाबॉलिज्म को बैलेंस करता है और नेचुरल ऑर्डर में चलाने में मदद करते हैं एंडोक्राइन मेटाबॉलिज्म को भी बेहतर करते हैं जो इस प्रेस से बचाता है योगाभ्यास स्ट्रेस और स्ट्रेस संबंधी व्याधियों जैसे चिड़चिड़ापन डायबिटीज अस्थमा मोटापा में प्रभावी है
शवासन अभ्यास कब करें
शवासन एक जादुई शांति प्रदान करने वाला आसान है जिसके लाभ आप शॉर्ट टर्म में भी देख सकते हैं जैसे जैसे आप दिनचर्या में आगे बढ़ते हैं इस संचित अभ्यास को करना लॉन्ग टर्म में भी फायदेमंद रहता है यह हमें खुद के प्रतिक्रियाओं के प्रति सजग जागरूक बनाता है
अधिक लाभ के लिए इस टेक्निक को व्यस्त दिन के पश्चात संध्या में या शरीर और मन को शांत करने के लिए ध्यान अभ्यास से पूर्व अथवा सोने से पहले
जिस प्रकार कसरत के बीच में छोटा सा विराम दिया जाता है शवासन भीम शारीरिक और मानसिक कसरत के बीच में एक छोटा विराम होता है
इस पोस्टर को योगाभ्यास में कठिन आसनों के बाद विराम के लिए भी आप अभ्यास कर सकते हैं अथवा योगाभ्यास के बीच में इसके लिए आप कुछ मिनटों के लिए इसे करें तथा लंबे समय के लिए अंत में बचा कर रखें
अगर यह मुंशी हो पाता है तो अपने लिए निश्चित समय निकालें सोने से पूर्व शवासन के लिए इसका अभ्यास करिए प्रत्येक दिन सप्ताह में एक बार अशोक कभी भी देखेगा किस तरह प्रभावी है
अच्छा जी मानसिक तनाव को कम कर देना इसके अलावा में एक है इसका मतलब आप दिन प्रतिदिन अधिक सजग और एकाग्र बनते जाएंगे आप खुद को आनंदमय महसूस करेंगे अपनों के प्रति अधिक प्रेम की भावना महसूस करेंगे और भी बहुत कुछ